tag:blogger.com,1999:blog-4194829957225159901.post8343450031272526882..comments2023-04-26T08:16:39.306-07:00Comments on आज़ाद लब azad lub: इस बार गाँव में मैंने सुनी महिला रामायणविजयशंकर चतुर्वेदीhttp://www.blogger.com/profile/12281664813118337201noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4194829957225159901.post-72491462430537158632007-12-20T03:03:00.000-08:002007-12-20T03:03:00.000-08:00बहुत अच्छा वर्णन आप इसी तरह लिखते रहेंबहुत अच्छा वर्णन आप इसी तरह लिखते रहेंसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4194829957225159901.post-90167555300717360172007-12-19T22:13:00.000-08:002007-12-19T22:13:00.000-08:00बेहद भावपूर्ण आलेख पढ़कर प्रसन्नता हुई - आप इसी तर...बेहद भावपूर्ण आलेख पढ़कर प्रसन्नता हुई - आप इसी तरह लिखते रहें --लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4194829957225159901.post-44982714899241196452007-12-19T21:13:00.000-08:002007-12-19T21:13:00.000-08:00बहुत अच्छा वर्णन लगा । आपकी शैली की वजह से लगा कि ...बहुत अच्छा वर्णन लगा । आपकी शैली की वजह से लगा कि हम साक्षात रसास्वादन कर रहें हैं।anuradha srivastavhttps://www.blogger.com/profile/15152294502770313523noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4194829957225159901.post-73247564011295821452007-12-19T20:47:00.000-08:002007-12-19T20:47:00.000-08:00विजयशंकर जी, सचमुच अद्भुत वर्णन है। रामायण बैठाने ...विजयशंकर जी, सचमुच अद्भुत वर्णन है। रामायण बैठाने का रत्ती-रत्ती ब्यौरा पढ़कर अपने गांव के ऐसे वाकयों की याद आ गई। ऊपर से महिला मंडली। फिर सारे प्रसंग को निराला से जोड़ना। पढ़कर मन खुश हो गया।अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.com