tag:blogger.com,1999:blog-4194829957225159901.post5851905844122431922..comments2023-04-26T08:16:39.306-07:00Comments on आज़ाद लब azad lub: तलछट-5: सुबह की 'चा' है जिसके दम सेविजयशंकर चतुर्वेदीhttp://www.blogger.com/profile/12281664813118337201noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4194829957225159901.post-79013131662198209882007-12-28T07:33:00.000-08:002007-12-28T07:33:00.000-08:00वाह - क्या खाका खींचा है - ह्रदय नारायण जी का कव...वाह - क्या खाका खींचा है - ह्रदय नारायण जी का कवित्व बहुत ही प्रभावी लगा - <BR/>(हाँ और गड़हा - गेंद बहुत दिनों बाद सुना - अगली बार पिटान भी कहीं मिलेगा :-) : मनीषAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/08624620626295874696noreply@blogger.com