मंगलवार, 24 मार्च 2009

माँ के बारे में

बहुत बुरे हैं वे जिन्हें माँ के बारे में सब कुछ पता है
अच्छे लगते हैं वे जो माँ के बारे में ज्यादा नहीं जानते
बुरों से थोड़ा अच्छे हैं वे जो माँ के बारे में जानना चाहते हैं.

उनसे माँ के बारे में कोई बात तो की जा सकती है.


-विजयशंकर चतुर्वेदी

4 टिप्‍पणियां:

  1. मां को लेकर एक ही तरह की भावुकता भरी कविताओं (जो मां के बारे में अपने मतलब का सब कुछ जानती हैं)से अलग गंभीर कविता।

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  2. माँ शब्द दिल को छू लेता है, माँ की डायरी मे पडा था कि पूत कपूत तो क्यो धन संचय,पूत सपूत तो क्यॊ धन संचय

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