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मेरी नई ग़ज़ल
प्यारे दोस्तो, बुजुर्ग कह गए हैं कि हमेशा ग़ुस्से और आक्रोश में भरे रहना सेहत के लिए ठीक नहीं होता। इसीलिए आज पेश कर रहा हूं अपनी एक रोमांटि...
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आप सबने मोहम्मद रफ़ी के गाने 'बाबुल की दुवायें लेती जा, जा तुझको सुखी संसार मिले' की पैरोडी सुनी होगी, जो इस तरह है- 'डाबर की दवा...
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बुर्जुआ समाज और संस्कृति-१४ पिछली कड़ी में अपने पढ़ा कि सामान्य मानव-धर्म के बदले सामग्री-धर्म अपनाते-अपनाते मानव-चरित्र के नए दिगंत प्रकट हो ...
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ऋगवैदिक कालीन साहित्य में सोमरस का उल्लेख आता है. कुछ विद्वान इसे सुरा या शराब समझते हैं. हालांकि आज तक यह साबित नहीं हो पाया है कि सोमरस शर...
Zabardast! Gehra adhyayan aur shodh. Badhai!
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