

हिन्दी समाचार चैनलों के टीवी एंकरों की भाषा पर काफी बातें कही-सुनी जा चुकी हैं लेकिन वे नहीं सुधरे। गुणीजनों की निगाहें नुक्तों और उच्चारण पर भी गयी हैं, लेकिन एक बात पर इनका भी ध्यान नहीं गया. बात एनडीटीवी, इंडिया टीवी, सहारा, आईबीएन ७ या इसी तरह के अन्य टीवी समाचार चैनलों की है. जिन चैनलों में कई दिनों से यह लाइन नहीं सुनी, पहले वे भी इसी रोग से ग्रस्त थे.
बरसों से देखता-सुनता आ रहा हूं और आप भी देख-सुन रहे होंगे। अक्सर ब्रेक लेने से पहले एंकर यह पंक्ति उचारता है-"'खबरों' का सिलसिला लगातार 'ज़ारी' है."
औरों की तरह मैं भी यह मानता हूं कि हिंदी टीवी समाचार चैनलों में भाषा के बड़े-बड़े जानकार बैठे हैं लेकिन किसी का ध्यान इतने वर्षों में इस दारुण चूक पर नहीं गया।
उपर्युक्त पंक्ति में तीन शब्द हैं सिलसिला, लगातार और जारी। देखने की बात यह है कि इन तीनों शब्दों में एक ही भाव अंतर्निहित है और वह है 'निरंतरता.' मतलब यह हुआ कि हम एक भाव और एक ही गतिविधि को तीन बार कहते जाते हैं. यह तो वही बात हो गयी जैसे कि कोई कहे- 'मैं अभी वापस लौटता हूं।'
इसमें वापस होने में ही लौटने का भाव निहित है. इसीलिये वापस लौटने का प्रयोग बेजा हो जाता है. ठीक इसी प्रकार ख़बरों का सिलसिला जारी रहने का प्रयोग गलत है.
इसमें 3 अलग-अलग वाक्य बनते हैं-
१) ख़बरों का सिलसिला बना रहेगा,
२) हम ख़बरें लगातार दिखाते रहेंगे और
३) ख़बरें जारी रहेंगी।
अगर चैनल वाले चाहें तो इन 3 अलग-अलग पंक्तियों से 3 चैनलों का काम चल सकता है. मैं ये पंक्तियां उन्हें मुफ्त में देने को तैयार हूं. आप लोग क्या कहते हैं?