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शनिवार, 16 मई 2009

चुनाव बाद एक कविता हुई है सुनियेगा

आज शाम एक कविता हुई है. कम्प्यूटर काम करता तो बहुत पहले आप ये कविता पढ़ चुके होते. बहरहाल कविता ये है-

हा हाहाहा हाहाः हाहाः
हा हाहाहा हाहाः हाहाः हा हाहाहा हाहाः हाहाः हा हाहाहा हाहाः हाहाः ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं
hahhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhaaaaaahhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhaaaahhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhaaaahhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhaaaahhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhaaaahhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhaaaahhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhaaaऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं hhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhaaahhhhhhhhhhhhhhhhhhaaaahhhhhhhhhhhhhhhaaaaaahaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa!!!!!!!!!!!! हा हाहाहा हाहाः हाहाः ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं.............. for 5 years.

मेरी नई ग़ज़ल

 प्यारे दोस्तो, बुजुर्ग कह गए हैं कि हमेशा ग़ुस्से और आक्रोश में भरे रहना सेहत के लिए ठीक नहीं होता। इसीलिए आज पेश कर रहा हूं अपनी एक रोमांटि...