बुधवार, 19 मार्च 2008

टीवी पत्रकारिता का रसातल

टीवी पत्रकारिता देखिये, 'कहाँ' से 'कहाँ' पहुँच गयी है! स्वर्गीय एसपी सिंह ने जब 'आजतक' का आधे घंटे का न्यूज बुलेटिन शुरू किया था तह चन्द ही हफ्तों बाद देश के नेताओं का वही हाल हो गया था जो बीबीसी की सिगनेचर ट्यून सुनकर ब्रिटेन और अमेरिका के शीर्ष नेताओं का हुआ करता था. अंगरेजी समाचारों को अखंड सत्य मानने और जानने वाले धुरंधरों की धुकधुकी बढ़ जाती थी 'आजतक' की सिगनेचर ट्यून सुनने के बाद! और तो और मेरे साथ एक सांध्य दैनिक के दफ्तर में 'दिल का हाल कहे दिलवाला' गा-गाकर नाचनेवाला एक बन्दा जब एसपी 'आजतक' में चला गया था तो हम लोग उसे अमिताभ बच्चन की तरह देखने लगे थे.

कट टू-

आजतक चौबीस घंटे का हुआ. उसका कायापलट होना शुरू हो गया. समाचार की जगह गिमिक ने ले ली और उसमें वे सारी बुराइयां आती गयीं जो एक पैसे के पीछे भागने वाले चैनल की हो सकती हैं. एसपी जहाँ बिना बाईट के भी मर्मान्तक कैप्स्यूल तैयार कर लेते थे वहीं अब 'पान की पीक' और 'धूमिल' के शब्दों में कहें तो 'थीक है-थीक है' वाली बाइटें प्रचुर मात्रा में होने के बावजूद बेजान समाचार परोसे जाने लगे.

दीगर चौबीस घंटे के समाचार चैनलों में तो जैसे भूत-प्रेत, अंधविश्वास, अपराध और हिंसा परोसने की होड़-सी लग गयी. स्त्री को कम कपड़ों में दिखाने के मामले में तमाम चैनल दुस्सासन और द्रौपदी प्रसंग साक्षात साकार करने लगे. ड्रामा देखने के लिए अब हिन्दी फिल्में देखने की आवश्यकता ही नहीं है. समाचार पर्याप्त नाटकीय हो चुके हैं. अच्छा हुआ जो एसपी चले गए. वरना अब के चैनल देखकर चले जाते. उनकी मृत्यु का एक कारण एक न्यूज कैप्स्यूल तैयार करने के बाद उनके मन में पैदा हुई बेचैनी को भी गिनाया जाता है. वह इतने संवेदनशील थे.

कट टू-

एक समाचार चैनल है. मुम्बई और महाराष्ट्र का हिन्दी चैनल है. एंकर महाशय पत्रकारिता के कालपुरूष हैं. उन्होंने 'डेली' टेबलोइड में जान फूंकी थी यह सभी जानते हैं. लेकिन यहाँ बैठकर वह सारा समाचार जगत ज्योतिषियों के दम पर चलाते हैं. दो ज्योतिषी उनके परमामेंट हैं. अब एक टैरो कार्ड रीडर भी जुड़ गयी है. उनकी टीवी पत्रकारिता का एक नमूना पेश है:-

एंकर- पंडित जी आप बताएं, सचिन तेंदुलकर कितने साल अभी खेल सकेंगे?
पंडितजी- सचिन का राहू केतु में, सूर्य धनु राशि में... ब्ला....ब्ला....ब्ला...

एंकर- आपने इस चैनल पर पहली बार सुना है.. एकदम पहली बार... (अब दूसरे पंडित से) अच्छा आप बताइये क्या सरबजीत को पाक छोड़ देगा?

पंडितजी- सरबजीत की कुंडली तो हमारे पास नहीं है लेकिन भारत और पाकिस्तान की कुंडली है. इससे लगता है कि पाक को छोड़ना पडेगा...

एंकर- आपने इस चैनल पर पहली बार सुना है.. एकदम पहली बार... (अब टैरो कार्ड वाली से) आप बताएं अगली सरकार किसकी बनाती दिखती है?

तीनों ज्योतिषी एक राय होकर कहते हैं- भाजपा की बनेगी.. क्योंकि सोनिया की कुंडली में अमुक दोष है और आडवाणी जी की कुंडली में फलां शुभ योग है... (यानी देश भर के तमाम ज्योतिषी भाजपा की सरकार बनते देखना चाहते हैं. धर्म का झंडा उसी ने थाम रखा है. वरना पृथ्वी कब की रसातल में चली गयी होती.
भाजपा सरकार में अचानक यज्ञों और धर्म सम्मेलनों की बाढ़ आ गयी थी. इसकी जाँच करवाई जाए तो किसी बोफोर्स घोटाले से कम मामला नहीं निकलेगा).

यह चंडाल चर्चा घंटे भर रोज चला करती है. इस चैनल पर. दूसरे चैनलों पर भी एक से एक जटाधारी और कास्ट्यूम ड्रामा में भाग लेने आए प्रतियोगियों जैसे बाबा लोग दिन में कई बार भविष्य बताया करते हैं. अब आप ही तय कीजिये कि टीवी पत्रकारिता कहाँ से कहाँ जा पहुँची है?

.....और यह भी कि आगे यह किस रसातल में जा गिरेगी!!

5 टिप्‍पणियां:

  1. सर, रसातल इन्ही के लिए तो बनाया गया था....लेकिन इस रसातल की गहराई को बढ़ाने के लिए लोग काम कर रहे हैं.....इसलिए ये कह पाना मुश्किल है कि आगे किस रसातल में जा गिरेगी.

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  2. दिल उदास हो जाता है मीडिया की यह स्थिति देखकर लेकिन मुझे उम्‍मीद है कि दिन जरुर फिरेंगे,

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  3. बाज़ार की मार ही इन्हें रास्ते पर ला सकती है। न अंदर से कुछ हो सकता है, न बाहर से।

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  4. जब तक रसातल मिलेगा उसके नीचे का तल भी खोज लिया जायगा - होली की शुभ कामनाएं सपरिवार - सस्नेह - मनीष
    [please please please take out this word verification - holi hai]

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  5. कोफ़्त होती है ये हालत देखकर. अँग्रेज़ी के पत्रकारिता संस्थानों मे हिन्दी न्यूज़ चैनेल दिखाए जाते है ग़लत और बकवास पत्रकारिता के उदाहरण के रूप में. आशा है कभी तो स्थिति सुधरेगी.

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