श्रीमती जी को सोने की लत है। रात के ९ बजे नहीं कि वह गड़प! अपन ठहरे निशाचर! रात-रात कम्प्यूटर पर बैठे रहेंगे या कोई किताब पढ़ते रहेंगे.
लेकिन बात किताब book या निशाचरी की नहीं है। बात है रेफ्रीजिरेटर refrigerator की. उसे शक है कि वह रात में जो भी चीजें रेफ्रीजिरेटर में रख कर सोती है सुबह उसे गायब मिलती हैं, या उनकी मात्रा कम हो जाती है.
एक सुबह वह उठी तो उसने पाया कि बेसन के जो लड्डू उसने घर में निर्मित घी में भून कर शाम को बनाए थे वे संख्या में छः कम है! अगली सुबह उसे पनीर-कोफ्ता का डोंगा खाली मिला था। ऐसे ही एक दिन छेने के रसगुल्ले अदृश्य हो गए थे.
उस दिन तो हद ही हो गयी जब सुबह उठने पर उसे रेफ्रीजिरेटर का दरवाज़ा खुला मिला। यहाँ मैं स्पष्ट कर दूँ कि मैं बाहर की मिठाई पसंद नहीं करता. उसने देखा तो अपन सोये पड़े थे. हालांकि लड़ने के लिए उसने दोनों कमर हाथ पर रखकर मुद्रा बना ली थी लेकिन सोते हुए आदमी से भला कोई कैसे लड़ सकता है!
उसे शक हो गया है कि हमारा रेफ्रीजिरेटर चोर है। हालांकि कल रात उसने सोने से पहले वैधानिक चेतावनी statutory warning दे ही डाली- 'गिन के जा रही हूँ, पूरे दर्ज़न भर आम रखे हैं. एकाध कम निकला तो ठीक वरना...!"
कोई बात नहीं, कल अलफांसो आम रस alfanso mango juice का मज़ा चखेंगे!
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
मेरी नई ग़ज़ल
प्यारे दोस्तो, बुजुर्ग कह गए हैं कि हमेशा ग़ुस्से और आक्रोश में भरे रहना सेहत के लिए ठीक नहीं होता। इसीलिए आज पेश कर रहा हूं अपनी एक रोमांटि...
-
आप सबने मोहम्मद रफ़ी के गाने 'बाबुल की दुवायें लेती जा, जा तुझको सुखी संसार मिले' की पैरोडी सुनी होगी, जो इस तरह है- 'डाबर की दवा...
-
साथियो, इस बार कई दिन गाँव में डटा रहा. ठंड का लुत्फ़ उठाया. 'होरा' चाबा गया. भुने हुए आलू और भांटा (बैंगन) का भरता खाया गया. लहसन ...
-
इस बार जबलपुर जाने का ख़ुमार अलग रहा. अबकी होली के रंगों में कुछ वायवीय, कुछ शरीरी और कुछ अलौकिक अनुभूतियाँ घुली हुई थीं. संकोच के साथ सूचना ...
संभल कर-कभी रंगे हाथों न पकड़े जायें बस यह ख्याल रहे. वरना रस तो भूल जाईये गुठली भी नसीब न होगी. :)
जवाब देंहटाएंमजेदार चोर है यह फ्रिज भी.
खाए जाओ, खाए जाओ
जवाब देंहटाएंफ्रिज का नाम लगाए जाओ।
ha ha ha.... :)
जवाब देंहटाएंमजेदार ! :)
जवाब देंहटाएंइसे कहते हे करे कोई, भरे कोई,
जवाब देंहटाएंइसे ही कहते हैं कि करे कोई भरे कोई। मुझे तो बेचारे फ्रिज पर दया आ रही है। कहीं दोनों हाथ कमर पर रखनेवाली का गुस्सा फ्रिज पर उतर गया तो...
जवाब देंहटाएंमजेदार लिखा है। पढ़कर हंसी नहीं रोक सका।
फ्रिज बदल दें! किसी सत्यवादी ब्राण्ड का खरीदें! :-)
जवाब देंहटाएंनुक्ता आ चुका था - अब चीनी भी आ गई गुरू !!! - फ्रिज की शुगर / कोलेस्ट्रोल की छानबीन हो - प्रथम सूचना लिखवाई जाय - वैसे इसको कहते हैं सस्ते शेरों की सोहबत का असर - मनीष
जवाब देंहटाएंaapka blaog padh ke bahut mazza aaya...
जवाब देंहटाएंaapki tasveer dekh kar ek sawaal man mein utha - ky aaap dakc mein karyarat hain?